Love Shayari

 तलाश मेरी थी और भटक रहा था वो,

दिल मेरा था और धड़क रहा था वो।

प्यार का ताल्लुक भी अजीब होता है,

आंसू मेरे थे और सिसक रहा था वो।


बैठे-बिठाए हाल-ए-दिल-ज़ार खुल गया

मैं आज उसके सामने बैठकर बेकार खुल गया


किसीको इतना ना चाहो की अपना दिल ही दे बैठी,

क्यू कि वो दिल के साथ खेल सकते हे, और तोर सकते हैं। 

और आप जानते हैं, टूटे हुए दिल को ठीक करने के लिए कोई हस्पताल नही होती है।

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